WEB 3.0 : क्या है, कैसे काम करता है, तकनीक, भविष्य, Web 2.0 vs Web 3.0

WEB 3.0 in Hindi :  web 3.0 को इंटरनेट की तीसरी पीढ़ी कहा जाता है । यह block chain तकनीकि पर आधारित है । आज कल इसकी चर्चा बहुत होने लगी है लोग विकेंद्रीकृत व्यवस्था ( decentralized ) की बात कर रहे है । इससे पहले डाटा का एक्सेस कंपनी के पास होता था पर अब डाटा का एक्सेस यूजर के पास ही होगा । यह तकनीक आने वाला भविष्य है जिसमे क्रिएटर लोग एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म देंगे ।

हम web 3.0 meaning समझने से पहले यह जान लेते है कि web 1.0 और web 2.0 क्या है । तभी web 3.0 examples और web 3.0 blockchain को समझ पाएंगे । आप हमारे साथ अंत तक बने रहे ताकि आपको web 3.0 के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो सके ।

Table of Contents

Web 3.0 history ( वेब 3.0 का इतिहास )

वेब 3.0 को समझने से पहले हमको वेब 1 और 2 के बारे में समझना जरूरी है कि यह क्या होता है और कैसे काम करता है ।

Web 1.0 ( consumption data )

इसकी शुरुवात 1994 में हुई । इसे early internet भी कहा जाता है । Web 1.0 में लोगो के पास ज्यादा डाटा नही था क्योंकि सिर्फ लाइब्रेरी की कुछ बुक , कैटालॉग आदि को डिजिटल किया गया था । इस दौर में डाटा ज्यादा जेनरेट नही हो रहा था । यह ऐसा था जैसे किसी लाइब्रेरी को डिजिटल कर दिया हो। लोग जाते थे सूचना लेते थे । इस दौर में लोग सिर्फ वेबसाइट में जाकर वहां से सूचना बस लेते थे । इस दौर में इमेज फाइल भी इंटरनेट में एक जगह से दूसरी जगह आसानी से नहीं जा पाती थी ।

लोग CD player का प्रयोग इमेज को ट्रांसफर करने में करते थे । यह दौर 2004 तक चला । इसमें सिर्फ डाटा निकाला जाता था न कि डाला जाता था इस दौर में डाटा का साइज भी किलोबाइट में होता था । लोग नेगेटिव में इमेज लेते थे तो वह बड़े साइज में बनती थी जो इंटरनेट से नही जा पाती थी ।

इसे भी पढ़ें – Artificial intelligence और हमारा भविष्य

Web 2.0 ( creation data )

यह दौर 2004 से शुरू हुआ और अभी तक चल रहा है इसमें डाटा यूजर द्वारा खुद जेनरेट किया जाने लगा । इस दौर में youtube , facebook , wordpress , arpnet , Yahoo आदि प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने में आए जिन्होंने डाटा को भर भर कर इंटरनेट पर अपलोड किया । इस दौर में डाटा add होने लगा । यही वो दौर है जब ब्लॉगिंग शुरू हुई । इस दौर में भर भर कर data बनने लगा और आज भी बन रहा है । पर इसमें owner ship अभी भी कम्पनी के हाथ में वह जब चाहे आपके डाटा को हटा सकती है । आपके डाटा का प्रयोग कर सकती है । क्योंकि कम्पनी ने बड़े बड़े डाटा सेंटर बना रखे है ।

Web 3.0 ( owner )

यह दौर 2015 से शुरू हुआ और आगे भविष्य में चलता रहेगा । इसमें डाटा की ownership सिर्फ यूजर के हाथ में रहेगी ।कोई भी कम्पनी आपके डाटा को आपकी परमिशन के बिना न प्रयोग कर पाएगी न कि आपके डाटा को हटा पाएगी । यह डाटा को decentrilized कर देगी यानि डाटा एक जगह स्टोर नही होगा । आपने crypto का नाम तो सुना होगा यह ब्लॉक चैन तकनीक पर आधरित है उसी प्रकार web 3.0 है जिसमे यूजर की जानकारी सबसे सुरक्षित रहेगी ।

What is web 3.0 ( web 3.0 क्या है )

Web 3.0 block chain तकनीकि पर आधारित एक इंटरनेट व्यवस्था है । इससे पहले या अभी के समय आपके द्वारा डाले गए डाटा और आपकी सारी जानकारी आपका फोन नंबर , फोटो , बैंक खाता आदि सारी जानकारी इन बड़ी कम्पनियों के पास रहती है यह जब चाहे आपके डाटा का प्रयोग कर उन्हे बेंच भी सकती है । पर web 3.0 में यह नहीं हो पाएगा । आपका डाटा आपके पास रहेगा यह कंपनी आपके डाटा का एक्सेस ही नहीं ले पाएंगी ।

क्या आपको पता है आज के समय अगर किसी बड़ी कंपनी और सरकार को आपके द्वारा डाला गया डाटा अच्छा नही लगा तो वह आपको कभी रैंक नहीं होने देगा चाहे वह ब्लॉगिंग में हो या किसी वीडियो माध्यम में जैसे यूटयूब । चीन काफी समय से ऐसा कर रहा है जो यूट्यूब चैनल चीन की जानकारी निकालकर यूट्यूब पर शेयर करते है चीन उनके चैनल को रैंक तक नहीं होने देता ।

यह आपके चैनल या ब्लॉग को बंद नहीं करते क्योंकि लोगो को पता चल जायेगा और आवाज उठने लगेगी इसलिए यह उनको derank कर देते है ।इसमें यूट्यूब और चीन सब आपस में मिल कर आपके डाटा को अपने हिसाब से इस्तमाल करते है । यही वजह है कि इस वेब 3.0 तकनीक की बात आज के समय में बहुत उठने लगी है लोगो को इसके बारे में जानने और समझने में रुचि बढ़ रही है क्योंकि इसमें आपके डाटा का प्रयोग न कोई कम्पनी कर पाएगी न ही कोई सरकार कर पाएगी । 

वीडियो देखे – 

इसलिए वेब 3.0 में आपके डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कोई नही कर पायेगा । आज के समय में इंटरनेट की सबसे बड़ी ताकत अमेजन वेब सर्विस के पास है । आपने कभी सोचा इंटरनेट फ्री क्यूं है आप गूगल को आसानी से प्रयोग क्यों कर पाते हो इसमें रुपए भी नही लगते न ही इंस्टाग्राम और फेसबुक में यह सभी आपके डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करके आपको ads दिखाते है । यह आपके डाटा का प्रयोग कर रहे है ।

Web 3.0 कितनी चीजों को decentralised करना चाहता है ?

वेब 3.0 की मदद से डाटा , money और trading यह तीन चीजे विकेद्रीकृत होंगी जिससे इनका प्रयोग कोई गलत तरीके से नही कर पायेगा ।

Data : डाटा चोरी होना बंद हो जाएगा , डाटा की ownership आपके हाथ में आ जाएगी ।

Money : आपका पैसा सुरक्षित रहेगा कोई भी इसे ट्रैक नही कर पायेगा ।

Trading : बड़े लोग जो ट्रेडिंग को up and down करते है वह करना बंद हो जाएगा क्योंकि उनके पास डाटा ही नही रहेगा ।

Web 3.0 लागू कैसे होगा ?

इसको लागू करने के लिए नया सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट बनाना होगा जो बन चुका है । Architecture लिखने होंगे पर उस पर काम चल रहा है और प्रिंसिपल बदल जायेगा अभी लोग यूजर आईडी लेकर लॉगिन करते है पर बाद में private key और public key का प्रयोग किया जायेगा । यानि dApps ( decentralized application ) का प्रयोग शुरू करके इसको लागू किया जाएगा ।

सबसे पहले तो कोड लिखा जायेगा और यह code स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में जायेगा और फिर नेटवर्क में जायेगा । सभी ब्लॉक चैन नेटवर्क में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट का प्रयोग हो रहा है । इसमें authentication यूजर के डाटा से नही होगा यह wallet के माध्यम से होगा । इसमें आप पहले एक token बनाएंगे और फिर आपके टोकन को वैलिडेट किया जायेगा । इसमें टोकन के पीछे कोन है यह नहीं पता चलेगा । बस टोकन को सत्यता के लिए प्रमाणित किया जायेगा ।

उदाहरण के तौर पर मान लो आप फेसबुक में लॉगिन किया तो फेसबुक को सिर्फ इतना पता होगा कि इस टोकन से किसी ने लॉगिन किया है यह कोन है किसी को नही पता ।

WEB 3.0
WEB 3.0

Web 3.0 technology की समस्या

लोगो के पास इतने कंप्यूटर नही है जितना डाटा इंटरनेट में घूम रहा है चुकी अभी तो बड़े बड़े सर्वर , डाटा स्टोरेज बने है तो आपके डाटा को रखे हुए है । पर जब ब्लॉक चैन तकनीक आयेगी तो डाटा को यूजर के कंप्यूटर में बांट दिया जाएगा पर ऐसा हो नहीं पाएगा क्योंकि दुनिया में इतने कंप्यूटर या मोबाइल का स्टोरेज ही नही है । जिससे यह समस्या सॉल्व करने के लिए दूसरा कोई विकल्प ढूंढना पड़ेगा ।

दूसरा यह slow बहुत होगा क्योंकि यूजर के स्टोरेज का प्रयोग करेंगे जिससे उसकी प्रोसेसिंग स्पीड कम हो जायेगी ।

तीसरा इसमें पैसा और इन्वेस्टमेंट बहुत लगेगा जो सिर्फ अभी बड़ी कम्पनी ही खर्च कर पा रही अगर उन्होंने पैसा निकाल लिया तो सिस्टम बंद हो जाएगा ।

चौथा अभी तक यह decide नही हुआ कि इसकी बिना किसी असहमति से शुरू कर दिया जाएगा । क्योंकि बड़ी कम्पनी  ऐसा होने नही देंगी ।

कई देशों में इससे जुड़े नियम कानून नही बने है भारत ने कुछ समय पहले की virtual assets पर 30% कर आरोपित किया है । इससे जुड़े नियम बनाना बहुत जरूरी है । नही तो यह पूरा सिस्टम न जाने कब बंद हो जाएगा ।

इसे भी पढ़ें – Artificial intelligence disadvantage : कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नुकसान

Web 2.0 vs web 3.0

जहां एक और वेब 2 आपको स्टोरेज , फ्री इंटरनेट दे रहा है आप आसानी से किसी भी चीज का एक्सेस पा सकते हो फ्री में उसका प्रयोग कर सकते हो बदले में आपसे वह आपका डिजिटल सिग्नेचर लेता है पर वेब 3.0 में आपका डाटा तो सुरक्षित रहेगा पर आपकी स्पीड खत्म हो जाएगी आपको डाटा स्टोरेज बढ़ाना पड़ेगा ।

दुनिया में कई ऐसे लोग है जो इतने बड़े रूप में स्टोरेज को नही खरीद पाएंगे । Web 3.0 technology की कल्पना सोचने में तो अच्छी लगती है पर इसे व्यवहारिक रूप में आने में बहुत समय लगेगा । क्योंकि जितनी भी बड़ी कंपनियां है उनकी सहमति जरूरी है क्योंकि वह ऐसा आसानी से नहीं होने देंगी क्योंकि पूरा मार्केट नीचे गिर जायेगा ।

Web 3.0 में आगे की राह ( भविष्य )

वेब 3.0 को लागू करने के लिए वेंचर कैपिटल को बढ़ाना पड़ेगा उसके लिए उन लोगो की सहमति जरूरी है जो web 2.0 को रेगुलेट कर रहे है । क्योंकि पूरा ढांचा अभी वेब 2.0 पर टिका है जिसको अमेजन , गूगल , फेसबुक जैसी कंपनियां रेगूलेट कर रही है ।इसलिए इन सभी कंपनियों की सहमति के अनुसार ही काम करना पॉसिबल हो पाएगा ।

Web 3.0 technology में front end , middle layer , back end , pear to pear बिजनेस रूल्स लेयर आदि तकनीक पर भू विचार करना पड़ेगा । वेब 3 को DAO बनाने में अभी समय लगेगा । Static web page के दौर से आज हम ब्लॉक चैन तकनीक पर आ गए इसको लागू करने में और लोगो द्वारा इसका सामंजस्य बिठाने में अभी समय है ।

Web 3.0 और Artificial intelligence का संबंध 

कोई भी AI आपके डाटा के माध्यम से ही प्रशिक्षित होता है पर ब्लॉक चैन तकनीक का प्रयोग किया जाने लगा तो एआई सीख नही पाएगा । जिसके कारण उसको नुकसान झेलना पड़ेगा । पर भविष्य में Artificial Intelligence इस माध्यम से अपने को बिना ट्रैक वाला एआई बनाने में सक्षम हो जाएगा । जो कि काफी खतरनाक है ।

आपने साइंस फिक्शन मूवी देखा होगा कि एआई को इंटरनेट से नही हटा पा रहे अगर ai इतना काबिल हो गया तो यह वेब 3.0 इसकी मदद करेगा जिससे मानव जाति का भविष्य कुछ भी हो सकता है । यह सुनने में एक कल्पना लग रही हो पर अगर हम बिना किसी rule and regulations के चलते रहे तो ऐसा होने में समय नहीं लगेगा ।

FAQ:-

प्रश्न: web 3.0 क्या है ?

उत्तर: Semantic web यानि वेब 3.0 इंटरनेट के विकास का अगला चरण है जिसका लक्ष्य एक से अधिक स्मार्ट , अधिक अर्थपूर्ण और interconnected वेब बनाना है, जहां डाटा को मशीनों द्वारा आसानी से समझा और प्रोसेस किया जा सके।

प्रश्न: वेब 3.0 , वेब 2.0 से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर:  वेब 2.0 यूजर जेनरेटेड कंटेंट और सोशल इंटरेक्शन पर केंद्रित है, जबकि वेब 3.0 मशीन-टू-मशीन संचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डाटा सुरक्षा पर जोर देता है ।

प्रश्न: कौन सी प्रौद्योगिकियां वेब 3.0 को चला रही हैं ? 

उत्तर: ब्लॉक चेन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और लिंक्ड डेटा जैसी प्रौद्योगिकियां वेब 3.0 को चलाने का कार्य कर रही है ।

प्रश्न: वेब 3.0 में block chain की क्या भूमिका है ?

उत्तर: ब्लॉक चेन तकनीक अक्सर वेब 3.0 से जुड़ी होती है क्योंकि यह विकेंद्रीकृत अनुप्रयोगों और डिजिटल ownership के लिए आधार प्रदान करती है, ऑनलाइन लेनदेन में भरोसा और सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

प्रश्न: वेब 3.0 सर्च इंजन को कैसे प्रभावित करेगा ?

उत्तर: बेहतर semantic understanding और एआई algorithms की बदौलत वेब 3.0 सर्च इंजन का लक्ष्य more context-aware और personalized search results प्रदान करना है।

प्रश्न: वेब 3.0 के कुछ practical application क्या हैं ?

उत्तर: अधिक कुशल और सुरक्षित सिस्टम बनाने के लिए वेब 3.0 को supply chain management , स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और वित्त सहित विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।

प्रश्न: क्या वेब 3.0 पूरी तरह से साकार हो गया है, या यह अभी भी विकास में है ?

उत्तर: वेब 3.0 अभी भी विकास में है, और प्रौद्योगिकियों और मानकों के विकसित होने पर इसका पूर्ण कार्यान्वयन धीरे-धीरे होने की संभावना है।

प्रश्न: क्या वेब 3.0 डेटा गोपनीयता और सुरक्षा बढ़ाएगा ? 

उत्तर: वेब 3.0 की विकेंद्रीकृत और encrypted nature में data privacy और सुरक्षा को बढ़ाने की क्षमता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को उनकी व्यक्तिगत जानकारी पर अधिक नियंत्रण मिलता है।

प्रश्न: मैं वेब 3.0 के लिए कैसे तैयारी कर सकता हूं ?

उत्तर: उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपडेट रहना, ब्लॉक चेन को समझना, और एआई और मशीन लर्निंग में ज्ञान प्राप्त करना वेब 3.0 युग की तैयारी के लिए अच्छे कदम हैं।

प्रश्न: क्या वेब 3.0 से जुड़ी कोई चुनौतियां हैं ?

उत्तर: चुनौतियों में AI और डेटा उपयोग के संबंध में मानकीकरण, interoperability और संभावित नैतिक समस्याएं शामिल हैं।

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top