भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा : 2014 से भारत में तकनीकि का विकास अचानक से बढ़ा जिसके बाद भारत सरकार ने AI और रोबोटिक्स जैसे विषय पर ज्यादा निवेश करके इसके विकास में अहम भूमिका निभाई है । मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम इसी के उदाहरण है जिसमे लोगो को तकनीकि शिक्षा तथा इसके साथ भारत में स्टार्ट अप को बढ़ावा देकर हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास तेजी से कर सकते है । भारत 2047 तक विकसित देश बनने की आकांक्षा रखता है उसके लिए भारत को AI और रोबोटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान , सम्मेलन , उत्पादन आदि को बढ़ावा देना पड़ेगा ।

भारत में इस क्षेत्र में हर साल 30 % की वृद्धि होती है अगर आपको पता नही तो मैं आपको बता दूं आने वाले 7 साल में या 2030 तक पूरा विश्व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करीब करीब 15 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करेगी जो भारत और चीन जैसे अर्थव्यवस्था को मिला देने पर भी कम है । इससे आप समझ सकते है यह भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण और आने वाले समय में इसका क्या महत्व होगा । इसी वजह से भारत भी इस क्षेत्र में धीरे धीरे निवेश को बढ़ा रहा है और इससे जुड़ी समिति , सम्मेलन आदि कर रहा है ।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा

भारत 2023 में करीब 882 मिलियन डॉलर खर्च प्रति वर्ष कर रहा है क्योंकि भारत सरकार सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाना चाहती है यह सेमीकंडक्टर कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रयोग होते है जिस देश के पास इसका उत्पादन ज्यादा होगा वह आने वाले समय में पूरी दुनिया में विकास की श्रंखला में आगे रहेगा । आने वाले 2 से 3 साल में भारत में करीब 7.8 अरब डॉलर सिर्फ आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस में खर्च होने लगेंगे । आने वाले कुछ सालो में भारत एआई के कुल निवेश इन चार क्षेत्र में 60 % तक खर्च करेगा यह क्षेत्र ऑटोमेशन , स्वास्थ्य , रिटेल , CPG ( Consumer packaged goods ) है।

भारत में कृषि ,पशुपालन , फाइनेंस , रोबोटिक्स , अंतरिक्ष , शिक्षा , स्वास्थ्य , उद्योग आदि कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है । एग्रो टेक और बीएफएसआई एआई के क्षेत्र में उभर कर आ रहे है । 2018 के सम्मेलन में # ai for all की बात कही गई थी जिसका मतलब एआई का प्रयोग हर क्षेत्र में जोड़कर करना है ।

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI ) का कृषि क्षेत्र में विकास 

भारत एक कृषि प्रधान देश है भारत में करीब 51 % लोग आज भी कृषि करते है इसलिए जरुरी है जो भी तकनीकि का विकास हो उसका अनुप्रयोग कृषि में जरूर हो ताकि उसकी मांग और निवेश आदि बढ़ सके । इसी वजह से भारत कृषि में AI के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है । क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से आप पूर्वानुमान लगा कर मौसम के बारे में जानकारी ले सकते हो जिससे किसानों की फसल बर्बाद नहीं होगी और वह इसकी तैयारी पहले से कर सकेंगे ।

इसके अलावा सिंचाई के लिए ऑटोमैटिक सिस्टम  , वातानुकूलित वातावरण बनाने , निगरानी रखने , मत्स्य पालन में मॉनिटरिंग , पशुपालन में समय पर खाना देना , स्वास्थ्य देखभाल जैसी चीजें भारत में आज भी एआई की मदद से हो रही है । इससे यह समझना आसान होता है कि भारत में कृषि क्षेत्र में ai का विकास तेजी से हो रहा है ।

पिछले 10 साल में भारत ने तकनीकि में विकास किया है उतना आजादी के बाद से कभी नहीं हुआ इसलिए भारत किसी भी ऐसे क्षेत्र को नही छोड़ना चाहता है जिससे भारत पिछड़ा हुआ रह जाए ।

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सामाजिक विकास में एआई का विकास 

सामाजिक विकास के क्षेत्र में लोगो की सुरक्षा और उनको दैनिक क्रिया कलापों में उपयोगी होने वाली वस्तुओं में एआई का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है । आज के समय ने निगरानी सिस्टम , ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम  में तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग बढ़ता जा रहा है । लोगो को सुरक्षा प्रदान करने में इसके साथ लोगो द्वारा एआई का दैनिक जीवन में प्रयोग करने से एआई की मांग भी बढ़ी है जिससे भारत में इस क्षेत्र में निवेश प्रतिवर्ष बढ़ता ही जा रहा है ।

आने वाले 5 सालो में भारत सभी मेट्रो सिटी में एआई ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगा देगा इसका सबसे अच्छा उदाहरण इंदौर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम है । जहां एआई का प्रयोग पिछले कुछ सालो से हो रहा है । इसके अलावा कैमरा लगा कर लोगो पर निगरानी रख कर सुरक्षा प्रदान करना एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ज्यादा अच्छे से कर सकता है ।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा

भारत में AI के कुछ उदाहरण 

MINE ( माइक्रोसॉफ्ट इंटेलिजेंट नेटवर्क फॉर आई केयर )

माइक्रोसॉफ्ट द्वारा हाल ही में एक एआई सिस्टम तैयार किया गया है जो आंखों की जांच करता है । इसको बनाने का उद्देश्य अंधेपन को पूरी दुनिया से खत्म करना है । mine के अंतर्गत क्लाउड प्लेटफॉर्म तकनीकि और कार्टोना इंटेलीजेंस तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा । जिससे मरीज से जुड़ी आंखो की समस्या का एनालिटिक्स डाटा और उसका सबसे अच्छा समाधान एआई द्वारा दिया जाएगा । यह रेटिनल इमेजिंग API का प्रयोग करके मरीजों की मदद करता है ।

एआई डिस्क एप

यह एक एंड्रॉयड एप्लीकेशन है जिसमे एआई का प्रयोग किया गया है इसकी मदद से किसान अपनी फसलों में लगने वाली किसी भी बीमारी का पता कर सकते है इसके लिए किसान के पास यह ऐप उसके मोबाइल में होनी चाहिए उसके बाद वह इसको ओपन करे और फसल में जहां बीमारी लगी है उसकी फोटो इस ऐप में अपलोड करेंगा तो यह एंड्रॉयड ऐप आपको उस बीमारी के बारे में सारी जानकारी प्रदान कर देगी । और उससे जुड़े सारे निदान आपको बता देगी जिससे आप अपनी फसल की बीमारी को जल्द से जल्द सही कर सकते हो ।

एआई बुबाई ऐप 

यह एप्लीकेशन किसानों की मिट्टी की जांच उसमे कोन सी फसल लग सकती है और कोन सा उर्वरक की कमी है सिंचाई कितनी करनी पड़ेगी इन सभी चीजों की जानकारी देता है । जिससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी । और वह आसानी से खेती कर पाएंगे । इसके लिए आपको यह AI ऐप डाउनलोड करनी है और जब खेती का समय हो तो इस ऐप की मदद लेकर आपको जानकारी लेनी है । इससे किसानों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी इसके साथ प्रति हेक्टेयर शस्य गहनता भी बढ़ेगी ।

Logi Next AI

यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस है जिसकी मदद से आप किसी भी शिपमेंट को हर एक सेकंड ट्रैक कर सकते हो यह बहुत ही सटीक है जिससे आपको अपने कोरियर को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है यह आपको सारी जानकारी हर पल देता रहेगा ।

रेलवे में एआई सिस्टम

भारत में ज्यादातर दुर्घटना ट्रेन का पटरी से उतर जाने के कारण हुई है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ड्राइवर रिअलटाइम में जानकारी को एक्सेस नही कर पाता जिसके कारण यह दुर्घटना हो जाती है इसके लिए सबसे अच्छा सिस्टम एआई द्वारा संचालित सिस्टम है जिससे दुर्घटना में बहुत कमी देखने को मिलेगी अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग जयाद्तर रेलवे स्टेशन में होने लगा तब से 60 % दुर्घटना में कमी देखने को मिली । भारत में आज भी अंग्रेजो द्वारा बनाए गए सिस्टम ही कार्य कर रहे अब जरूरत है तकनीकि के इस दौर में भारत नई प्रोधिगिकी को इंप्लांट करे ।

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भारत में AI सम्मेलन और समिति 

2017 से भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर नई समिति और सम्मेलन आदि बनने शुरू हो गए थे ।  2017 में भारत ने एआई की 7 सूत्री रणनीति भारत में लागू की जिससे भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उपयोग होने वाले समान का उत्पादन और तकनीकि का विकास हो सके ।इसके बाद 2018 में एआई कार्यक्रम हर साल भारत सरकार करने लगी।

2020 में राजीव कुमार समिति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग के बारे में रिपोर्ट जारी करके भारत सरकार को दी थी । इसी वर्ष को भारत ने एआई वर्ष भी घोषित किया ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सके । इसके अलावा सूचना मंत्रालय और nasscom ने मिल कर एक एआई पोर्टल बनाया यह पोर्टल रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ कार्यक्रम के तहत लागू किया गया ।

भारत सरकार ने fifth generation स्टार्ट अप के लिए 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है ताकि भारत में तकनीकी के विकास को बढ़ावा मिल सके । नरेंद्र मोदी ने भी 2020 से ai सम्मेलन raise 2020 की शुरुवात की जो हर साल भारत में होने लगा । इसकी मदद से लोग नई तकनीकि के बारे जानते है और एक जगह आकर उस बारे में चर्चा करते है ।

इससे पहले भी 2019 की G – 20 सबमिट में नरेंद्र मोदी ने artificial intelligence को बढ़ावा देने की बात कही थी । वैसे भारत में 1986 से ही center for AI and robotics जैसी संस्था काम कर रही है । CAIR आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नोडल एजेंसी है जो DRDO के तहत कार्य करती है । यह बेंगलुरु में स्थित है ।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विकास यात्रा

निष्कर्ष ( conclusion )

भारत में एआई के विकास की दर 1 से 3 % चल रही है और इतनी ही विकास दर निवेश में बढ़ रही है आने वाले समय में भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अहम योगदान रखेगा । अगर आपको पता नही तो आपको बता दूं भारत में कृषि क्षेत्र में एआई का जो विकास हो रहा है वह विश्व के किसी देश में नही हो रहा है । ज्यादातर देश एआई का विकास सिर्फ मनोरंजन या रोबोटिक्स या ब्यूटी आदि प्रोडक्ट में कर रहे है ताकि उनकी सेल बढ़ सके । पर भारत देश कृषि , स्वास्थ्य में एआई को बहुत बढ़ावा दे रहा है ।

अधिक जानकारी के लिए आप इस सरकारी वेबसाइट में जाकर निवेश का डाटा देख सकते है – क्लिक करें 

FAQ:-

प्रश्न: भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शुरुवात कब हुई थी ?

उत्तर: भारत में 1986 में पहली संस्था CAIR का गठन हुआ था जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में कार्य करती हैं ।

प्रश्न: भारत में AI के क्षेत्र में कितना रुपया खर्च होता है ?

उत्तर: भारत में बजट का करीब 480 मिलियन डॉलर एआई में खर्च होता है जिसे 2029 तक 7.8 अरब डॉलर करने का इरादा भारत सरकार द्वारा बनाया गया है ।

 

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