Artificial intelligence in hindi : कृत्रिम बुद्धिमत्ता जिसे AI भी कहते है , कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो एक काबिल या सक्षम सिस्टम और मशीन बनाने पर केंद्रित है जिसमे मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है । यह समस्या – समाधान , अनुभव से सीखना , प्राकृतिक भाषा को समझना और निर्णय लेने में सक्षम होती है । किसी भी AI system को बनाने के लिए मानव बुद्धि के विभिन्न पहलू जैसे तार्किक क्षमता , समस्या समाधान का गुण और भाषा की समझ आदि को अनुकरण करके एक बेहतर AI system बनाया जा सकता है ।
AI के अंतर्गत मशीन लर्निंग , न्यूरल नेटवर्क , प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और कंप्यूटर विजन के साथ तकनीक और प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की जाती है । मशीन लर्निंग Artificial intelligence का ही उपभाग है यह एक अल्गोरिदिम है जो पैटर्न सीखने और डाटा के आधार पर भविष्यवाणियां करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है । Ai बनाने के लिए मानव ने मानव मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र से प्रेणा लेकर एक ऐसा सिस्टम बनाया जो जटिल समस्याओं को पल भर में हल कर देता है हालाकि इसके लिए उसको पहले प्रशिक्षित किया जाता है तब जाकर वह इस काबिल बन पाता है ।
Artificial intelligence का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जैसे स्वास्थ्य देखभाल , शिक्षा ,वित्त , परिवहन ,चिकित्सा निदान , self driving car , alexa और siri जैसे voice assistant आदि । कृत्रिम बुद्धिमत्ता का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा साथ ही इसका विकास भी निरंतर हो रहा है यह सिस्टम विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने , स्वचालन को बढ़ावा देने और बेहतर निर्णय लेने और नई क्षमताओं के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता सुधारने का कार्य या वादा करता है । साथ ही यह गोपनीयता , पूर्वाग्रह और बाजार में नौकरी पर प्रभाव से संबंधित नैतिक और सामाजिक चुनौतियां भी उठाता है ।
Understanding the Basics of Artificial Intelligence: A Beginner’s Guide
आज हम बेसिक से सारी जानकारी आपको बताएंगे जिससे की आप AI के बारे में समझ सको कि इसका इतिहास क्या है , यह कैसे कार्य करता है , इसका उपयोग कहां कहां होता है इन सभी चीजों की जानकारी आज हम आपको देंगे । इसकी मदद से आप उन सारे पहलुओं को समझ पाओगे जो artificial intelligence से संबंधित है । इसलिए हमारे साथ अंत तक बने रहे और पूरा आर्टिकल ध्यान से पढ़े । हमने यह आर्टिकल उन लोगो के लिए बनाया है जो AI के बारे में कुछ नही जानते इसकी मदद से वह आसानी से एआई को समझ पाएंगे और इनके अनुप्रयोग अपनी डेली लाइफ में कर पाएंगे ।
Artificial intelligence से जुड़ा इतिहास
हम आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतिहास के क्रमबद्ध घंटनाओ को बताएंगे जिससे आपको इसका विकास समझ में आ सके –
प्राचीन घटनाएं
मानव जैसी बुद्धि वाली मशीनों का पता प्राचीन पौराणिक कथाओं से लगाया जा सकता है जैसे कि गणेश जी को माता पार्वती ने अपने मैल से बनाया था कुछ विशेषज्ञ इस घटना को AI के विकास की पहली घटना मानते है । इसी तरह Pygmalion और Galatea की कहानी जिसमे Pygmalion ने Galatea को बनाया था ओर उससे प्यार करने लगा था । यह सारी कहानियां यह बताती है कि मानव पहले से ही मानव जैसे दिखने वाले और मानव जैसे सोचने वाली मशीन बना सकते थे ।
एलन ट्यूरिंग और ट्यूरिंग टेस्ट
1950 में ब्रिटिश गणितज्ञ और कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग ने मशीन की बुद्धि चेक करने और उसकी क्षमता का पता करने के लिए एक टेस्ट का विचार पेश किया जिसे ट्यूरिंग टेस्ट कहते है । तब से यह artificial intelligence के क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है ।
Dartmouth Workshop
1956 में एक वर्कशॉप हुई जिसे डार्टमाउथ वर्कशॉप कहते है इसमें पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धिमत्ता शब्द की चर्चा पहली बार हुई । इस वर्कशॉप में वैज्ञानिक इस बात पर चर्चा कर रहे थे जिसमे मानव द्वारा ऐसी मशीनें बनाई जा सके जो मानव बुद्धि की तरह कार्य करती हो ।
प्रारंभिक AI प्रोग्राम
1950 से 1960 के दशक में शोधकर्ताओं ने आसान सी समस्याओं को हल करने के लिए प्रारंभिक AI प्रोग्राम बनाए जो Logic Theorist और General Problem Solver (GPS) थे ।
Expert AI systems
1970 और 1980 के दशक में एआई से जुड़ा अनुसंधान expert AI systems बनाने की तरफ हो गया जिन्हें एक विशिष्ट वातावरण में मानव की नकल करने के लिए डिजाइन किया गया था । इसके कुछ उदाहरण dendral और MYCIN है ।
AI winter
1974 से लेकर 1980 तक एआई अनुसंधान के लिए कम निवेश होने लगा लोगो को और सरकार को यह सिर्फ काल्पनिक और कभी न पूरी होने वाली चीज नजर आ रही थी । जिससे इसके फंड कम हो गए और अनुसंधान धीमा हो गया । इसलिए इसे एआई विंटर का काल कहा गया ।
मशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क
1980 से 1990 के दशक में artificial intelligence के वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क में अनुसंधान शुरू किया । तभी Backpropagation का विकास हुआ जो किसी न्यूरल नेटवर्क को प्रशिक्षण करने में मदद करता है ।
IBM का deep blue
1997 में आईबीएम कंपनी ने डीप ब्लू नाम का सुपर कंप्यूटर बनाया जिसने शतरंज के चैंपियन Garry Kasparov को हरा दिया । यह कंप्यूटर एक सेकंड में कई शतरंज की कई करोड़ों चाल सोच सकता था । यह एक ऐतिहासिक घटना थी । जब इंसान ने खुद से सोचने वाला सुपर कंप्यूटर को बनाया ।
Internet का जन्म
1990 के दशक में जब इंटरनेट आया तो वैज्ञानिकों को डाटा की उपलब्धता आसानी से हो गई इसके साथ ही वह इनफॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से भेज सकते थे । इसने artificial intelligence के विकास में तेजी ला दी ।
Natural Language Processing (NLP)
NLP की खोज ने महत्वपूर्ण योगदान दिया इसकी मदद से voice recognization और मशीन अनुवाद जैसे अनुप्रयोग सामने आए ।
Big data और मशीन लर्निंग
2000 के बाद से big data की उपलब्धता और मशीन लर्निंग के विकास ने artificial intelligence के विकास में तेजी ला दी इससे एआई के क्षेत्र ने नई ऊंचाइयां प्रदान की ।
उपभोक्ता उत्पादों में AI
2010 के बाद से weak AI द्वारा बने ai उत्पाद मार्केट में आम हो गए और इनकी मांग बढ़ने लगी । यह वर्चुअल असिस्टेंट जैसे ok Google , alexa , siri आदि और अनुशंसा प्रणाली जैसे Netflix , Amazon आदि लोगो में बहुत प्रचलित हुए ।
Self driving car
2010 के बाद से ही बड़ी बड़ी कंपनियों जैसे tesla , waymo आदि कंपनियों ने नेविगेशन और निर्णय लेने के लिए AI का प्रयोग किया और सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम बनाया ।
AI ethics और Regulation
जब 2010 के बाद ai का विकास होने लगा तो लोगो द्वारा इस पर चर्चा शुरू हो गई और नैतिकता , गोपनीयता जैसी चीजे सामने आई जिसकी वजह से सरकारों ने इसके लिए नियम कानून बनाना शुरू कर दिया । साथ ही कंपनियों को डाटा चोरी छिपे , डाटा का गलत इस्तमाल करने पर दिशा निर्देश दिए और लोगो को जागरूक किया ।
Healthcare और drug discovery में AI
AI के आने से चिकित्सा विज्ञान में इसका प्रयोग होने लगा इसकी मदद से दवा की खोज करना , बीमारी का पता लगाना , बीमारी के प्रकोप की भविष्यवाणी करना , medical image analysis आदि कार्य होने लगे ।
वित्त और व्यवसाय में AI
लोगो ने धीरे धीरे artificial intelligence का प्रयोग ट्रेडिंग में हुई धोखा धडी का पता लगाने में , chat bot बनाने में , Artificial intelligence से ट्रेडिंग की भविष्यवाणियां करने में होने लगा ।
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Type of artificial intelligence
क्षमताओं और कार्यक्षमता के आधार पर AI को हम कई प्रकारों में बांट सकते है जो इस प्रकार है –
कमजोर एआई ( weak AI )
इस प्रकार के artificial intelligence को किसी विशिष्ट कार्य के लिए बनाया जाता है यह किसी AI का बेसिक मॉडल है इसको जिस कार्य के लिए बनाया जाता है यह वही कार्य करता है इसके बाहर के कार्य करने में यह सक्षम नहीं होता है । इसके कई उदाहरण है जैसे voice assistant , virtual assistant , AI application आदि ।
Artificial general intelligence
ऐसा AI सिस्टम जो मानव की तरह सोचे और अपने निर्णय स्वयं ले । जो किसी कार्य को करने से पहले उसके सभी आयामों को अच्छी तरह जांच ले जैसा मानव करता है । ऐसा सिस्टम पूरी तरह तो नही बन पाया है पर इसकी खोज और अनुसंधान लगातार हो रहे है । हम कह सकते है इसको बनाने में 1% का कार्य अभी पूरा हो गया है ।
मशीन लर्निंग ( ML )
मशीन लर्निंग AI का ही उपभाग है जिसकी मदद से आप डाटा को कैसे समझना है और कैसे डाटा का उपयोग निर्णय लेने या आउटपुट देने में करना है यह सभी कार्य इसी के अंतर्गत आते है । मशीन लर्निंग की मदद से एआई को डाटा प्रदान करके उसका प्रशिक्षण किया जाता है जिससे वह बेहतर निर्णय ले पाए और भविष्यवाणियां कर पाए ।
डीप लर्निंग ( deep learning )
यह मशीन लर्निंग का उपभाग है जो जटिल समस्याओं को हल करने के लिए कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है । यह face की पहचान करने और आवाज को पहचानने में बहुत कारगर है ।
Computer vision
Computer vision की मदद से आप चित्रों और video को समझ सकते हो और इसकी मदद से उनको पहचान सकते हो । यह चेहरे की पहचान , वस्तु की पहचान करने में मदद करता है । इसलिए इसका ज्यादातर प्रयोग सेल्फ ड्राइविंग कार में किया जाता है ।
आवाज पहचानना ( Speech Recognition )
AI system की मदद से आप बोली गई किसी भी भाषा को आसानी से लिख और समझ सकते हो इसके माध्यम से आप voice कमांड दे सकते हो यह आपकी voice की पहचान भी कर सकता है ।
Robotics
AI द्वारा बने रोबोट का प्रयोग हम विनिर्माण के क्षेत्र में , चिकित्सा में स्वास्थ्य देखभाल में , exploration में , देश की सुरक्षा में जैसे आर्मी और मरीन आदि में कर सकते है ।
Reinforcement Learning
यह मशीन लर्निंग का ही हिस्सा है जिसमे कोई Artificial intelligence अपने वातावरण से बातचीत करके सीखता है इसमें AI को डाटा प्रदान किया जाता है अगर वह सही होता है तो उसे पुरुस्कार और गलत तो दंड देकर सिखाया जाता है । इसी तरह से वह निर्णय लेना सीखता है ।
Generative Adversarial Networks (GANs)
GANs में दो न्यूरल नेटवर्क, एक जनरेटर और एक डिस्क्रिमिनेटर होते है । यह डाटा का निर्माण और मूल्यांकन में काम आते है । इसकी मदद से image generation और data augmentation कर सकते है ।
Autonomous AI
ऐसा Artificial intelligence जो स्वयं निर्णय ले और उस निर्णय को लागू करे इसका प्रयोग ड्रोन , सेल्फ ड्राइविंग कार , उद्योग आदि में होता है ।
Gaming में AI
Gaming में AI का प्रयोग करके वह खिलाड़ी के व्यवहार को समझ सकता है और उसके अनुकूल एक निर्णय ले सकता है । आपने pub g गेम तो खेला होगा उसमे आप AI के साथ गेम खेल सकते है । यह अभी प्रोटोटाइप है जब यह बन कर तैयार हो जायेगा तो वह किसी खिलाड़ी से 1000 गुना बेहतर काम करेगा ।
शिक्षा में AI
शिक्षा में AI के प्रयोग से यह बच्चों का एग्जाम लेने उनको ग्रेड देने उनके लिए शैक्षिक सामग्री जुटाने में , उनको दिए गए प्रोजेक्ट को करने में मदद करेगा । इससे बच्चो को एक जगह सारी इनफॉर्मेशन उपलब्ध हो जायेगी उनको अलग अलग प्लेटफॉर्म में नही जाना पड़ेगा । इसका सबसे अच्छा उदाहरण Chat GPT है । जो इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है ।
प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में AI
Artificial intelligence की मदद से आप पर्यावरण की निगरानी , जलवायु परिवर्तन का डाटा , संसाधन का सही प्रयोग आदि कार्य आसानी से कर सकते हो ।
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How AI work ( AI कैसे कार्य करता है )
एआई कैसे कार्य करता इसको समझने के लिए डाटा , एल्गोरिदम आदि चीजे समझनी होगी जो इस प्रकार नीचे दी गई है –
Data: The Foundation of AI
Data collection : कोई भी artificial intelligence निर्णय और सीख तभी पाता है जब उसके पास डाटा हो यह डाटा text , image , video किसी भी रूप में हो सकता है ।
Data source : डाटा किसी भी स्रोत से आ सकता है जिनमे सेंसर , सोशल मीडिया , डाटा बेस , ऐप , विशिष्ट डाटा जो किसी वैज्ञानिक या कम्पनी ने दिया हो आदि है। यह डाटा प्राप्त करने के बहुत से तरीके है पर यह डाटा उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए तभी किसी AI के लिए यह फायदेमंद होगा ।
Data processing
Data Cleaning : जब डाटा प्राप्त होता है तो उसमे बहुत सारी गलतियां होती है तो डाटा को साफ करके उसको AI के उपयोग लायक बनाया जाता है । सिर्फ महत्वपूर्ण डाटा ही AI को प्रदान किया जाता है बकाया डाटा क्लीनिंग की मदद से हटा दिया जाता है ।
Feature Engineering : डाटा इंजीनियर डाटा को AI के लिए उपयोगी बनाने के लिए उसमे परिवर्तन कर सकते है वह डाटा को कैटेगिरी में बांट सकते है उसमे variable का प्रयोग कर सकते है साथ ही डाटा को जोड़ या घटा सकते है ।
Algorithms: Making Sense of Data
Algorithms : डाटा को AI के लायक समझने के लिए डाटा को mathematical algorithms में बदला जाता है ताकि कोई Artificial intelligence इस डाटा को समझ पाए । विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए अलग अलग Algorithms होती है जैसे regression , classification , clustering और reinforcement learning आदि ।
Data training : इसके बाद डाटा की ट्रेनिंग की जाती है उसके लिए उसे अलग अलग लेबल पर प्रशिक्षित किया जाता है । कोई भी AI उन डाटा से सीख पाता है जिससे कोई उपयोगी आउटपुट निकले ।जैसे – मानव की तस्वीर को पहचानने के लिए AI को मानव की अलग अलग तस्वीर दिखाई जाती है और उसका प्रशिक्षण किया जाता है ताकि वह मानव को पहचान सके ।
Machine learning and its role in AI
Supervised Learning : इसके अंतर्गत एआई मॉडल को यह सिखाया जाता है कि वह कैसे किसी डाटा को जो कि एक इनपुट है उसे आउटपुट में कैसे बदले इसके लिए उसे labeled dataset को इनपुट को आउटपुट में मैप करना सिखाते है । ताकि वह अनदेखे इनपुट से आउटपुट की भविष्यवाणी कर सके ।
Unsupervised Learning : इसमें un labeled dataset को इनपुट से आउटपुट में मैप करना सिखाते है । ताकि वह सही आउटपुट दे सके । इसमें लिए उसे डाटा का पैटर्न , संरचना ढूंढना आदि शामिल है । इसमें उसको सिखाया जाता है कि कॉमन चीजों को कैसे पता करें और उनके बीच कनेक्शन बना सके ।
Reinforcement Learning : इसके अंतर्गत उसे एक इंजीनियर यह बताता है कि कोन सा निर्णय सही है और कोन सा नही जो नहीं है उसे हटा देता है जो सही है उसे आगे प्रोसेस के लिए बढ़ा देता है इससे AI को समझ आने लगता है मुझे कोन सा निर्णय लेना है कोन सा नही ।
Neural Networks और Deep Learning
Neural network : न्यूरल नेटवर्क मानव मस्तिष्क से प्रेरित होकर बनाया गया है या कह सकते है मानव मस्तिष्क की कॉपी है । इसमें जो अलग अलग नोड होते है वह न्यूरॉन की तरह कार्य करते है यह एक दूसरे से परस्पर जुड़े रहते है ।
Deep learning : यह मशीन लर्निंग का ही हिस्सा है यह डीप न्यूरल नेटवर्क का प्रयोग करके चित्र और वॉइस की पहचान करता है ।
Model training
Loss Function : जब AI को प्रशिक्षण दिया जाता है तो एक मॉडल उसके loss function को कम करता है ताकि Artificial intelligence द्वारा दिए गए आउटपुट और भविष्यवाणियां ज्यादा सटीक हो । इनमें जयाद्तर त्रुटि quared error और cross-entropy की होती है ।
Gradient Descent : यह सिस्टम loss function को कम करने के लिए parameter को अपने हिसाब से सेट करता है जिससे आउटपुट में त्रुटि कम से कम हो सके ।
Model Evaluation
Testing Data : इसके बाद यानि प्रशिक्षण के बाद एक मॉडल यह देखता है जो एआई बनाया गया है वह डाटा का सही उत्तर या आउटपुट दे पा रहा है या नही । इससे यह मदद मिलती है कि AI अनदेखे डाटा को समझ पाता है या नही ।
Metrics : कार्य के आधार किसी artificial intelligence का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न Metrics का उपयोग किया जाता है । जैसे accuracy, precision, recall, and F1-score आदि।
Deployment and Inference
Deployment : जब हम किसी मॉडल को प्रशिक्षित या मूल्यांकन करते है तो उसे वास्तविक दुनिया में उतार दिया जाता है जहां उसका प्रशिक्षण और मूल्यांकन दोनो हो सके । जैसे कोई app बना कर उसको यूज करने के लिए लोगो को कहना । इससे वह और बेहतर बन सकता है ।
Inference : यह एक प्रक्रिया है जिसमे कोई भी AI किसी डाटा को इनपुट की तरह लेता है और एक आउटपुट बना कर दे देता है ।
Continuous Learning
किसी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समय के साथ साथ प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वह अच्छे से अच्छे निर्णय ले सके उसको नया डाटा हमेशा देते रहना पढ़ता है साथ ही उसका प्रशिक्षण भी हमेशा करते रहना पढ़ता है ताकि वह बेहतर बन सके ।
Ethical Considerations
किसी भी artificial intelligence को यह हमेशा सिखाया जाता है कि वह निष्पक्ष हो , किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित न हो , यूजर की गोपनीयता का ध्यान रखे , किसी विशेष समूह को लाभ न पहुंचाए , भेदभाव न करे यह सभी चीजे उसको हमेशा ध्यान में रखी जाती है जिससे उसके निर्णय बेहतर हो सके ।
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AI के Real world application
वास्तविक दुनिया में artificial intelligence का प्रयोग आज के समय में हर जगह होने लगा है इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार है –
Healthcare
Medical Imaging : इसकी मदद से रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और डर्मेटोलॉजी जैसे क्षेत्रों में चित्र का विश्लेषण करने में कर सकते है । यह X Ray , MRI , CT scan करने में मानव की मदद करता है ।
Drug Discovery : AI की मदद से नई दवा की खोज में तेजी आती है यह clinical trials को simulate करने में मदद करता है
Finance
Algorithmic Trading : AI की मदद से लोग शेयर बाजार के डाटा को समझने और उनसे सटीक निर्णय लेने में मदद लेते है ।
Fraud Detection : AI की मदद से किसी भी मानव का व्यवहार और लेनदेन आदि का विश्लेषण करके धोखा धडी का पता लगाया जा सकता है ।
Automotive
Self driving car : Artificial intelligence की मदद से मानव सुरक्षित स्वयं चलने वाली कार बना सकते है । यह नेविगेशन और वस्तुओं को पहचानने की क्षमता ये सभी जानकारी रियल टाइम में करता है ।
Traffic Management : artificial intelligence की मदद से ट्रैफिक कंट्रोल किया जा सकता है । इसका सबसे अच्छा उदाहरण इंदौर का रोबोट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम है । जो एक एआई द्वारा संचालित किया जाता है ।
Customer Service
Chat bot और virtual assistant : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बना chat bot ग्राहक को 24 × 7 सहायता प्रदान कर सकता है और उनकी समस्याओं को सुन कर उनका जवाब दे सकता है ।
Voice assistant : alexa , ok Google , siri जैसे वाइस असिस्टेंट आपको वॉयस के माध्यम से आज की न्यूज , आपके सवालों के जवाब आदि दे सकते है । जिससे मानव को काम करने में आसानी होगी ।
शिक्षा ( Education )
Personalized Learning : यह किसी भी छात्रों को उनकी सुविधानुसार शिक्षण सामाग्री बना कर उनकी छमताओ को बढ़ाता है ।
Automated Grading : artificial intelligence द्वारा बच्चों को home work देकर उनको ग्रेड देने का कार्य भी किया जाता है जिससे बच्चों में शिक्षा के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया मिलती है ।
Retail
Recommendation Systems : कोई भी e कॉमर्स वेबसाइट में आपकी हिस्ट्री या रुचि के हिसाब से आपको प्रोडक्ट की Recommendation दी जाती है यह सब कार्य एक एआई सिस्टम ही करता है ।
Inventory Management : AI की मदद से आप अपने लागत को कम करके तथा स्टॉक खत्म होने पर आपको जानकारी देकर आपकी मदद करेगा । ताकि कस्टमर का अनुभव आपकी e कॉमर्स वेबसाइट में खराब न हो ।
कृषि
Precision Agriculture : artificial intelligence की मदद से किसान अपनी फसलों पर निगरानी , समय पर सिंचाई , बीज का सही चयन , उर्वरक की सही मात्रा आदि जैसे कार्य आसानी से और गुणवत्तापूर्ण तरीके से कर सकते है ।
Energy ( ऊर्जा )
Energy Management : आप किसी भी बिल्डिंग में ऊर्जा का प्रबंधन , ग्रिड में ऊर्जा की खपत आदि को एआई की मदद से कंट्रोल कर सकते हो । जिससे पर्यावरण पर प्रभाव कम पड़ेगा । और ऊर्जा खर्च की लागत भी कम आयेगी ।
Renewable Energy : AI की मदद से आप ग्रिड स्थिरता में सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन ज्यादा बढ़ा सकते हो जैसे सौर ऊर्जा प्लेट को साफ करने जैसे कार्य करा सकते हो ।
Entertainment
Content Recommendation : आपको आपकी पसंद की मूवी , सीरीज आदि की सलाह देना Netflix और अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म आपको आपकी हिस्ट्री की मदद से वही मूवी सजेस्ट करते है जिस टाइप की आप देखते हो ।
AI-Generated Art and Music : आप किसी भी प्रकार का म्यूजिक या चित्र या कविता आदि artificial intelligence की मदद से बनवा सकते हो ।
Natural Language Processing (NLP)
Language Translation : आप गूगल Translate की मदद से किसी भी भाषा को किसी भी भाषा में बदल सकते हो इससे आपको पढ़ने और समझने में आसानी होगी ।
Sentiment Analysis : artificial intelligence की मदद से वह सोशल मीडिया के डाटा को विश्लेषण करके उनकी भावना को बता सकता है ।
Space Exploration
Autonomous Spacecraft : स्वचलित अंतरिक्ष यान की मदद से आप अंतरिक्ष यात्री को बढ़ी ही आसानी से स्पेस में भेज सकते हो । साथ ही यह कई ऐसे कार्य करने में मदद करेगा जिससे अंतरिक्ष की खोज के लिए जरूरी है ।
Data Analysis : यह अंतरिक्ष से प्राप्त डाटा का विश्लेषण करने में आपकी मदद करेगा जिससे यह कार्य कम समय में पूरा हो जाएगा ।
Manufacturing
Predictive Maintenance : Artificial intelligence की मदद से आप समय समय पर अपने उपकरण की जांच और उनका रख रखाव कर सकते हो । इससे उत्पादन में वृद्धि होगी । और लागत कम खर्च होगी ।
Quality Control : आप अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता की जांच एक एआई सिस्टम से करा सकते हो जिससे उपभोक्ता आपके प्रोडक्ट का अच्छा रिव्यू देंगे ।
Future Trends in AI
आने वाले समय में artificial intelligence हर क्षेत्र में दिखाई देने वाला है बाजार में इसकी मांग अभी से बढ़नी शुरू हो गई है । इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार है –
Artificial General Intelligence (AGI) Development : वैज्ञानिक AGI के विकास में निरंतर लगे हुए है कई सरकारें भी AGI के विकास में लगी हुई है जब इसका विकास हो जायेगा तो यह मानव समाज में एक क्रांति की तरह कार्य करेगा । क्योंकि उस दिन इंसान पहली बार किसी ऐसी मशीन को बना देगा जो मानव की तरह सोचती है निर्णय लेती है और भावनाओ को समझती है ।
Quantum Computing and AI : अभी क्वांटम कंप्यूटर बनाना बहुत मंहगा है जैसे यह सस्ते होते जायेंगे वैज्ञानिक क्वांटम ai की तरफ कार्य करना शुरू कर देंगे । जिससे क्वांटम कंप्यूटर का प्रयोग हर क्षेत्र में होने लगेगा । इससे बड़ी चीज भी छोटा आकार ले लेगी । इससे मानव कई तरह से उपयोग कर सकेगा ।
AI-Powered Cybersecurity : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आप साइबर सुरक्षा को बढ़ा सकते हो जिससे बढ़ी बढ़ी कम्पनी अपने डाटा को सुरक्षित रख सकती है ।
AI in Content Moderation : artificial intelligence की मदद इंटरनेट में फैली गलत सूचना , हानिकारक सामग्री , घृणास्पद भाषण आदि की पहचान करके उसे इंटरनेट से हटा देगा ।
Humanoid AI robot : आने वाले समय में मानव की तरह दिखने वाला रोबोट जो मानव की तरह सोचता भी होगा आ जायेगा जिसकी मदद से हम बहुत से कार्य करा सकते है । इसका प्रयोग देश की सुरक्षा , उद्योग , दैनिक कार्य आदि में कर सकते है ।
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निष्कर्ष ( conclusion )
Artificial intelligence विषय आने वाले समय में बढ़ता ही जायेगा लोग इसकी चर्चा अभी से करने लगे है इसने अपने पैर हर जगह जमा लिए है इसलिए किसी भी मानव को इसके बारे में आम जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि उनके साथ कोई AI की मदद से गलत न कर दे । यह आर्टिकल उन लोगो के लिए था जो एआई के बारे में कुछ नही जानते ।
मुझे उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल समझ आया होगा अगर इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि है तो आप हमसे संपर्क करके या कॉमेंट करके बता सकते है हम उस गलती को जल्द से जल्द सुधार कर देंगे । पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ।
FAQ:-
प्रश्न: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्या है ?
उत्तर: AI कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जिसमे हम मानव मस्तिष्क की तरह कार्य करने वाली मशीन बनाते है । जो निर्णय ले सके , भावनाओ को समझे , समस्या और समाधान तकनीकी का प्रयोग करे आदि ।
प्रश्न: AI के विभिन्न प्रकार क्या हैं ?
उत्तर: artificial intelligence को weak ai ( विशिष्ट कार्य के लिए बनाए जाते है ) , आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस ( मानव जैसी बुद्धि वाले ), और सुपर इंटेलिजेंट AI ( मानव से अधिक बुद्धि वाले ) में वर्गीकृत किया जा सकता है।
प्रश्न: डीप लर्निंग मशीन लर्निंग से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर: डीप लर्निंग मशीन लर्निंग का एक उपभाग है जो जटिल डाटा को प्रोसेस करने के लिए कई परतों वाले न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है , यह विशेष रूप से चित्र और आवाज पहचानने जैसे कार्यों के लिए बने होते है ।