Ai kya hai: आज हम जानेंगे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धिमत्ता या ai kya hai यह कैसे आज के समय अपने पैर पसार रहा है और आने वाले समय में इसके क्या क्या प्रयोग हो सकते है यह कैसे लोगो की समस्या को हल करेगा या उनकी समस्या को बढ़ाएगा इन सभी की जानकारी आज हम आपको देंगे । इसके लिए आपको हमसे अंत तक जुड़े रहना है ताकि हम आपको इस चीज के फायदे और नुकसान और इसका विकास सभी के बारे में बता दे ।
Ai kya hai इसके बारे में सबसे पहले जॉन मैकार्थी ने सबसे पहले पता लगाया इसलिए इन्हे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( artificial intelligence ) का जनक कहते है । कृत्रिम बुद्धिमत्ता की जिक्र पहली बार 1950 के दशक में हुआ था इस समय पूरे विश्व में कोल्ड वॉर चल रहा था जहां एक ओर भारत अपनी आजादी का जश्न मना रहा था वही दूसरी ओर रूस और अमेरिका जैसे देश नई नई खोजें करने में लगे थे । तभी 1956 में जॉन मैकार्थी ने artificial intelligence की परिभाषा दी ।
Artificial intelligence ( कृत्रिम बुद्धिमत्ता ) क्या है ?
( ai kya hai / what is artificial intelligence )
Ai kya hai की परिभाषा सभी लोगो ने अलग अलग दी है पर अगर इसको आसान ( simple ) भाषा में समझा जाए तो यह मानव ( human ) द्वारा बनाया गया कृत्रिम दिमाग है जो इंसान की जगह मशीनों जैसे कंप्यूटर , किसी उपकरण , रोबोट आदि में प्रयोग होता है । ताकि यह मशीनें इंसान की तरह कार्य कर सके और अपना निर्णय ले सके ।
आसान भाषा में हम कह सकते है कि ऐसा दिमाग जो मानव द्वारा निर्मित हो और जो स्वयं निर्णय ले सकता हो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( कृत्रिम बुद्धिमत्ता ) कहलाता है । इसके कई उदाहरण है जैसे – alexa , ok Google , chatgpt आदि इसके उदाहरण है ।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इतिहास ( history of artificial intelligence )
1950 में एलन ट्यूरिंग नाम के व्यक्ति ने ट्यूरिंग टेस्ट ( turing test ) किया इसके बाद 1956 में जॉन मैकार्थी ने artificial intelligence को परिभाषित किया कि ai kya hai और इसकी एक परिभाषा दी । इसके बाद तो पूरे विश्व में ai kya hai की खोज की तो आग ही लग गई जापान ने 1981 में फिफ्थ जेनरेशन ( fifth generation ) योजना की शुरुवात की जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता की खोज करना था । इसके बाद ब्रिटेन ने “ELVI” नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू किया इसके बाद यूरोपियन यूनियन ( EU ) ने ESPRIT नाम का प्रोजेक्ट शुरू किया ।
1983 में निजी संस्थानों ने मिलकर माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी संस्थान बनाया और very large scale integrated circuit (VLSIC) का विकास किया । इसके बाद 1997 में IBM ( International Business Machines ) कंपनी ने “Deep blue” कंप्यूटर बनाया जिसने सतरंज के महान खिलाड़ी गैरी कैसपोरोव को शतरंज में हरा दिया ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ उदाहरण ( example of artificial intelligence )
- Amazon का alexa ( ai voice assistant)
- Samsung का Bixby
- Apple का siri
- Google का ok Google
- Hongkong देश की सोफिया ( sophia ) नाम की ai रोबोट
- दुबई का robocop रोबोट जो दुबई पुलिस में कार्य करता है ।
- “लक्ष्मी” भारत का पहला कृत्रिम बुद्धि वाला बैंकिंग रोबोट जिसे तमिलनाडु के सिटी यूनियन बैंक में स्थापित किया गया है ।
- इंदौर में स्थापित रोबोट ट्रैफिक सिस्टम जो रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन करता है ।
- आईआरसीटीसी का चैट बोट जिसका नाम Ask–DISHA है ।
- ELA न्यूजीलैंड की पहली महिला कृत्रिम ऑफिसर है ।
ऊपर दिए गए सारे उदाहरण artificial intelligence के ही है जिससे यह पता चलता है कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का स्तर काफी हद तक बढ़ चुका है और धीरे-धीरे इसमें नई-नई खोज होती जा रही हैं ।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लाभ ( advantage of artificial intelligence )
- कृत्रिम कंप्यूटर के माध्यम से हम कोई भी कार्य बहुत कम समय में कर सकते हैं जैसे हमको कोई मैथमेटिक्स की प्रॉब्लम सॉल्व करनी है जिसमें बहुत समय लगता है तो कृत्रिम कंप्यूटर उस समस्या को कुछ ही समय में पूरा कर देगा ।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हम परिवहन , सुरक्षा , औद्योगिक , पर्यावरण आदि में भी इसका का प्रयोग कर सकते हैं । इन सब में कृत्रिम कंप्यूटर के प्रयोग से इन क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी ।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे दैनिक क्रियाकलापों में मदद कर सकता है जैसे alexa और siri आदि जैसे उपकरण हमारे दैनिक प्रयोग में इस्तेमाल होते हैं ।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से हम अपने देश की सुरक्षा आतंकवाद ,नक्सलवाद ,अलगाववाद आदि समस्याओं से भी कर सकते हैं इसका प्रयोग सुरक्षा के मामले में बहुत अहम है ।
- इसका प्रयोग हम अंतरिक्ष के जटिल डाटा को समझने में और उनसे प्राप्त डाटा का analyse करने में कर सकते है ।
- हालही में अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने अहम बात कही थी कि कृत्रिम कंप्यूटर का प्रयोग कुछ समय बाद किसी भी बीमारी की दवा बनाने में होने लगेगा ।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान ( disadvantage of artificial intelligence )
- इसका प्रयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में हो सकता है ।
- कृत्रिम इंटेलिजेंस से जुड़ी कई theory है जिसमे कहा गया है कि अगर ai ने मानव जाति की बात नही मानी और खुद की बात मानने लगा तब क्या होगा ।
- इसके प्रयोग से blue कॉलर जॉब में कमी आई है जैसे artist , singer आदि सोचा था पहले डाटा एंट्री जैसी जॉब जायेंगी इसके आने से उल्टा हो रहा है क्योंकि पहले यह intellectual कार्य पहले कर रहा है ।
- कृत्रिम कंप्यूटर के आने से और उसके विकास से नए नए हथियार की खोज होगी जिसका नुकसान मानव जाति को होगा ।
- Ai अगर मानव जैसा सोचने लगा तो वह अपने अधिकार की बात करेगा ।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास
- 1986 में CAIR ( centre for artificial intelligence and robotics ) की स्थापना होना । जो बेंगलुरु में स्थित है । DRDO इसकी नोडल एजेंसी है ।
- 2017 में आर्टिफिएशल इंटेलिजेंस की 7 सूत्री रणनीति भारत ने बनाई ।
- 2018 में राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( artificial intelligence ) कार्यक्रम चलाया गया ।
- 2020 में राजीव कुमार समिति का गठन ai के विकास के लिए किया गया । इसी साल को कृत्रिम बुद्धिमत्ता वर्ष घोषित किया गया । साथ ही CBSE ने इसी साल artificial intelligence को अपने पाठ्यक्रम में डाल दिया ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितने प्रकार के होते है ? ( type of artificial intelligence )
पूर्णत: प्रतिक्रियात्मक ( purely reactive )
इस प्रकार के ai के पास अपनी मेमोरी नही होती है ( do not store memory ) । यह past experience for future action प्रिंसिपल पर कार्य करता है ।
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सीमित स्मृति ( limited memory )
इसमें कुछ समय के लिए past memory सुरक्षित ( save ) रहती है ।
मस्तिष्क सिद्धांत ( brain theory )
यह मानव की तरह भावनाओं को समझता है ।
आत्म चेतन ( self concious )
इस प्रकार का ai मानव से ज्यादा स्मार्ट होता है । यह कोई भी कार्य कुछ सेकंड में कर देगा ।
कमजोर AI ( weak or narrow ai kya hai )
इस प्रकार का ai सिर्फ एक टास्क कंप्लीट करता है जो उसे दिया जाता है । जैसे – alexa , siri आदि ।
शक्तिशाली AI ( super ai kya hai )
यह ai एक साथ कई कार्य कर पाएगा । अभी इस पर काम चल रहा है ।
Conclusion ( निष्कर्ष ): Ai kya hai
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अभी अपने प्रारंभिक स्तर पर है इसने अपनी उच्च सीमा अभी भी प्राप्त नहीं की है इसलिए यह आकलन करना कि ai kya hai हमारे लिए फायदेमंद है या नुकसानदेह यह गलत होगा क्योंकि मानव की प्रवृत्ति हमेशा से विकास करना रही है तो ai का विकास अपने चरम तक होगा तब देखना यह है कि मानव ai का इस्तेमाल किस तरह और कैसे करता है क्या वह अपने फायदे के लिए करेगा या वह उसे अपना ही नुकसान कर लेगा इस बारे में आने वाला वक्त ही बताएगा तभी हमको पता चलेगा ai kya hai और क्या हो सकता है ।
FAQ:-
प्रश्न: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक या पिता किसे कहते है ?
उत्तर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खोज जॉन मैकार्थी ने 1956 में की । इसलिए इसे ai का जनक या पिता कहते है ।
प्रश्न: क्या ai का प्रयोग शिक्षा में होता है ?
उत्तर: जी , हां ai का प्रयोग हम शिक्षा में भी कर सकते है जैसे हम किसी भी प्रकार की गणना करने में या किसी आविष्कार करने में मदद लेने में आदि में कर सकते है ।
प्रश्न: क्या ok Google , nexa , alexa एक ai है ?
उत्तर: जी , हां यह सभी ai के उदाहरण है ।