आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस UPSC : 2018 को मार्च में अरुण जेटली जो भारत सरकार के वित्त मंत्री है उन्होंने राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम शुरू करने को कहा है इस प्रोग्राम का उद्देश्य भारत में एआई का विकास करना और IC चिप का निर्माण करना है ताकि भारत सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर किसी भी तकनीक में अन्य देशों की अपेक्षा पिछड़ न जाए । कुछ समय पहले चीन और अमेरिका ने 2030 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सुपर पावर बनने की बात कही है । इसलिए भारत और अन्य देशों में भी इसको लेकर प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है ।
सरकार आने वाले समय में फिफ्थ जेनरेशन तकनीकि को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारे निवेश को बढ़ावा दे रही है जिससे भारत में नए नए स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 480 मिलियन डॉलर खर्च कर रही है । ताकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिल सके । साथ ही ब्लॉक चैन , 3 D प्रिंटिंग , मशीन लर्निंग , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि क्षेत्र में भारत रिसर्च एंड डेवलपमेंट कर भारत में तकनीकि के विकास काम हो रहा है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस UPSC
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुवात 1950 के दशक में हुई थी पर इसने जोर 1970 में पकड़ा जब जापान ने फिफ्थ जेनरेशन योजना शुरू की तब जाकर इस विषय पर पूरी दुनिया का ध्यान अच्छे से गया और लोगो ने इस पर रिसर्च करना शुरू कर दी जिसके आउटपुट आज हमको chat gpt के रूप में देखने को मिलते है । 1981 में सुपर कंप्यूटर बनाने के लिए पूरे विश्व में होड़ लग गई थी जिससे artificial intelligence और रोबोटिक्स में भी रिसर्च होने लगी जिसके कारण आज हमको weak AI देखने को मिलता है। आने वाले समय में यह weak AI super ai में बदल जाएगा ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग
इसका प्रयोग कृषि से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में और उद्योग से लेकर फाइनेंस के क्षेत्र में होने लगा है आज ai की मदद से लोग कई प्रकार की रिसर्च जैसे क्वांटम भौतिकी और अंतरिक्ष का निर्माण आदि में करने लगे हैं। आने वाले समय में क्लोनिंग , जलवायु परिवर्तन , ग्लोबल वार्मिंग , जैव प्रोधोकिकी आदि में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेंगे । आने वाला समय रोबोटिक्स , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यूरल कनेक्शन का होने वाला है जिसकी मदद से लोग सिर्फ बोल कर अपना कोई भी काम करा सकते हैं ।
भारत सरकार ने इसको बढ़ावा देने के लिए हर साल बजट 1 % इस पर खर्च करने की बात कही है पर देखना यह है यह कब लागू होती है। अभी भारत सरकार के कई पायलट प्रोजेक्ट चल रहे है जैसे स्कूल में एआई का प्रयोग , एआई में रिसर्च , जागरूकता आदि। आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़ेगी जिसके कारण इसका बजट भी बढ़ेगा । अगर आप देखे तो सरकार ने इसको बढ़ावा और लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए india ai नाम से एक वेबसाइट बनाई है जिसमे वह अपने विजन और और कार्यक्रम आदि बताते है ।
टाटा elxi जैसी कंपनियां अभी से इसमें रिसर्च करने लगी है उन्होंने सेल्फ ड्राइविंग कार , डीप लर्निंग के क्षेत्र में अहम योगदान देना शुरू कर दिया है । भारत ने व्योम मित्र आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस रोबोट बना कर अंतरिक्ष मिशन में भेजने की तैयारी चल रही है जो एस्ट्रोनॉट की अंतरिक्ष में मदद करेगा ।
Image creator AI make our own image
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भारत
भारत में एआई को बढ़ावा देने के लिए भारत ने बच्चो के सिलेबस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चैप्टर एड कर दिया है । साथ ही 8 वीं में आपको रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग आदि के प्रोजेक्ट देना शुरू कर दिया है । इससे भारत में बच्चों का आधार तैयार हो जायेगा । और भविष्य में भारत को बढ़ावा मिलेगा । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई तकनीकि के लिए भारत ने राज्य सरकार से ज्यादा से ज्यादा बजट पेश करने को कहा है ताकि अभी इस क्षेत्र में R&D होना शुरू हो जाए और अगले 10 साल में भारत तकनीकि के क्षेत्र में विश्व को लीड करे ।
भारत में ic चिप का उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्योग मंत्री ने बात कही उनका कहना है जो देश ic चिप का उत्पादन करेगा वह भविष्य में सभी देशों पर राज करेगा ।