Artificial intelligence बनाने में इंसान के दिमाग को scan करके कंप्यूटर में डाला जाता है ।
Artificial intelligence बनाने में इंसान के दिमाग को scan करके कंप्यूटर में डाला जाता है ।
इसके बाद उसमे न्यूरोन की जगह नोड्स लगाए जाते है । क्योंकि इंसानी दिमाग में न्यूरल नेटवर्क होता है ।
इसके बाद उसमे न्यूरोन की जगह नोड्स लगाए जाते है । क्योंकि इंसानी दिमाग में न्यूरल नेटवर्क होता है ।
यह नोड्स एक दूसरे को सूचना का आदान प्रदान करने के काम आते है जिससे कोई AI डाटा को एक्सेस कर पाता है ।
यह नोड्स एक दूसरे को सूचना का आदान प्रदान करने के काम आते है जिससे कोई AI डाटा को एक्सेस कर पाता है ।
मशीन लर्निंग , न्यूरल नेटवर्क, कंप्यूटर विजन आदि की मदद से यह कार्य किया जाता है ।
मशीन लर्निंग , न्यूरल नेटवर्क, कंप्यूटर विजन आदि की मदद से यह कार्य किया जाता है ।
Elon Musk द्वारा न्यूरल नेटवर्क पर किया गया कार्य इसी से संबधित है ।
Elon Musk द्वारा न्यूरल नेटवर्क पर किया गया कार्य इसी से संबधित है ।
आने वाले समय में मानव और AI को connect करने के लिए सिर्फ एक माइक्रो चिप की जरूरत पड़ेगी ।
आने वाले समय में मानव और AI को connect करने के लिए सिर्फ एक माइक्रो चिप की जरूरत पड़ेगी ।
इंसानी दिमाग को जैसे ऊर्जा चाहिए उसी प्रकार AI को भी बिजली चाहिए तभी यह कार्य करेगा ।
इंसानी दिमाग को जैसे ऊर्जा चाहिए उसी प्रकार AI को भी बिजली चाहिए तभी यह कार्य करेगा ।
अगर आप मानव के दिमाग का स्कैन लेना चाहते है तो आपको brain scanner , computer और कोडिंग की आवश्यकता पड़ेगी ।
अगर आप मानव के दिमाग का स्कैन लेना चाहते है तो आपको brain scanner , computer और कोडिंग की आवश्यकता पड़ेगी ।
AI मानव के मस्तिष्क की तरह कार्य करने के लिए बनाया गया है पर इसकी क्षमता अभी बहुत कम है ।
AI मानव के मस्तिष्क की तरह कार्य करने के लिए बनाया गया है पर इसकी क्षमता अभी बहुत कम है ।
आने वाले समय में हम AI को इंसानी दिमाग की मदद से ओर बेहतर बना पाएंगे ।
आने वाले समय में हम AI को इंसानी दिमाग की मदद से ओर बेहतर बना पाएंगे ।
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