हाल ही मैं एक रिपोर्ट में पता चला है आने वाले 4 से 5 साल में AI एक छोटे देश के बराबर बिजली खर्च करेगा ।
हाल ही मैं एक रिपोर्ट में पता चला है आने वाले 4 से 5 साल में AI एक छोटे देश के बराबर बिजली खर्च करेगा ।
जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को डाटा प्रशिक्षण दिया जाता है तब यह 440 mw बिजली प्रति घंटे खर्च करता है ।
जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को डाटा प्रशिक्षण दिया जाता है तब यह 440 mw बिजली प्रति घंटे खर्च करता है ।
इसके द्वारा इतनी बिजली खर्च होती है कि अमेरिका के 200 घर इसमें एक साल तक चल सकते है ।
इसके द्वारा इतनी बिजली खर्च होती है कि अमेरिका के 200 घर इसमें एक साल तक चल सकते है ।
AI को आने वाले समय में नवीकरणीय ऊर्जा पर आना होगा ।
AI को आने वाले समय में नवीकरणीय ऊर्जा पर आना होगा ।
नवीकरणीय ऊर्जा जैसे – सौर ऊर्जा ,पवन ऊर्जा आदि । होती है ।
नवीकरणीय ऊर्जा जैसे – सौर ऊर्जा ,पवन ऊर्जा आदि । होती है ।
तब जाकर यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आत्म निर्भर बन पाएगा जिससे गरीब देशों में बिजली की कमी नहीं होगी ।
तब जाकर यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आत्म निर्भर बन पाएगा जिससे गरीब देशों में बिजली की कमी नहीं होगी ।
Artificial intelligence का प्रयोग आने वाले समय में बढ़ना ही है जिससे इसको ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पढ़ने वाली है ।
Artificial intelligence का प्रयोग आने वाले समय में बढ़ना ही है जिससे इसको ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पढ़ने वाली है ।
भारत को भी AI और ऊर्जा से जुड़ी समस्या का पहले समाधान करना होगा ।
भारत को भी AI और ऊर्जा से जुड़ी समस्या का पहले समाधान करना होगा ।
सबसे ज्यादा ai में ऊर्जा की खपत चीन और usa जैसे देश कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा ai में ऊर्जा की खपत चीन और usa जैसे देश कर रहे हैं।
आने वाले समय में भारत में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और अनुसंधान बढ़ेगा
ओर पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें ।
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